मुरझाया फूल कविता | Class 9 hindi question answer.

Sudev Chandra Das


मुरझाया फूल कविता | Class 9 hindi question answer. 

(अ)       सही विकल्प का चयन करोः

(1)           कविय़ित्री महादेवी वर्मा की तुलना की जाती है-

1)  सुभद्रा कुमारी चौहान के साथ ।

2)  मीराँबाई के साथ ।

3)  उषा देवी मित्रा के साथ ।

4)  मन्नु भंडारी के साथ ।

उत्तरः मीराँबाई के साथ ।


(2)          कवियित्री महादेवी वर्मा का जन्म कहाँ हुआ था ?

1)  गाजियाबाद में        2) हैदराबाद में

3) फैजाबाद में         4) फर्रुखाबाद में

उत्तरः फैजाबाद में।     

  

(3)          कवियित्री महादेवी वर्मा का क्य़ा था ?

1)  हेमरानी वर्मा         2) पद्मावती वर्मा

3) फुलमती वर्मा       4) कलावती वर्मा

उत्तरः  हेमरानी वर्मा ।   

     

(4)          हास्य़ करता था ......... अकं में तुझको पवन

1)  खिलाता             2) हिलाता

2)  सहलता             4) सुलाता

उत्तरः खिलाता ।


(5)          यत्न माली का रहा ....... से भरता तुझे

1)  य्पार               2) आनंद

3) सुख              4) धीरे

उत्तरः आनंद ।


(6) करतार ने धरती पर सबको कैसा बनाया है ?

1)  सुंदर                2) त्यागमय

3) स्वार्थमय           4) निर्दय

उत्तरः सुंदर ।


(आ) हाँ या नही में उत्तर दोः

    (1)  छायावादी कवियित्री महादेवी वर्मा रहस्यवादी

     कवियित्री  के रुप में भी प्रसिद्ध है ।

उत्तरः हाँ ।

  (2) महादेवी वर्मा के पिता-माता उदार विचारवाले नहीं थे।

उत्तरः नही ।

  (3) महादेवी वर्मा ने जीवन भर शिक्षा और साहित्य़ की

     साधना की ।

उत्तरः हाँ ।


 (4) वायु पंखा जल कर फल को सुख पहुँचाती रहती है ।

उत्तरः हाँ ।

 (5) मुरझाए फूल को दशा पर संसार को दुख नहीं होता

    है।

उत्तरः हाँ ।

(इ)   पूर्ण वाक्य में उत्तर दोः


  (1) महादेवी वर्मा की कविताओं में किनके प्रति

    बिरहानुभूति की तीव्रता परिलक्षित होती है ?

उत्तरः महादेवी वर्मा की कवितायों में सर्वव्य़ापी परम सत्ता के प्रति बिरहानुभूति की तीव्रता परिलिक्षित होती है ।


 (2) महादेवी वर्मा का विवाह कब हुआ था ?

उत्तरः महादेवी वर्मा का विवाह छटी कक्षा में ही हा था ।


 (3) महादेवी वर्मा ने किस रुप में अपने कर्म-जीवन का

   श्रेगणेश किया था ?

उत्तरः महादेवी वर्मा ने प्रयाग महिला विध्धापीठ की प्राचार्य़ के रुप में अपने कर्म जीवन का श्री गणेस किया था ।


 (4) फूल कौन-सा कार्य़ करते हुए बी हरषता रहता है ?

उत्तरः फुल अपने सर्वस्व दान करके भी हरषता रहता है ।


(5) भ्रमर फूल पर क्य़ों मँडराने लगते है ?

उत्तरः लुभावनीय मधु के लालच से भ्रमर फूल पर मँडराने लगते है ।


(ई) अति संक्षिप्त में उत्तर दो (लगभग 25 शब्दो में)


  (1) किन गुणों के कारण महादेवी वर्मा की काव्य़-

     रचनाएं हिन्दी-पाठकों को विशोप प्रिय रही है ?

उत्तरः महादेवी वर्मा ने अपने काव्य़ को आराध्य़ की विरहानुभूति और व्य़क्तिगत दुःख वेदना को अभिव्य़क्ति में सीमित न रखकर उसे लोक कल्य़ाणकारी करुणा भाव से जोड़ दिया है । इन्हीं गुणों के कारण उनकी काव्य़ रचनाएँ हिन्दी पाठकों को सिशेष प्रिय रही है ।


 (2) महादेवी वर्मा की प्रमुख काव्य़-रचनाएँ क्य़ा-क्य़ा हैं

    किस काव्य़ संकलन पर उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त

    हुआ था ?

उत्तरः महीदेवी वर्मा की प्रमुख काव्य़ रचनाएँ हैं- नीहार’, रशमि’,  नीरजा’, साध्य़गीत’,  दीपशिखा’, और यामा । यामा काव्य़ संकलन पर उन्हे ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ था ।


 (3) फूल किस स्थिति में धारा पर पड़ा हुआ था ?

उत्तरः सुखे, मुरझाते हुए गंध कोमतलाहीन होकर फुल धारा पर पड़ा हा होता है ।


 (4) खिले फूल और मुरझाए फूल के साथ पवन व्य़वहार में

   कौन-सा अतंर देखने को मिलता है ?

उत्तरः खिले फूल  कगो पवन अपने गोद में लेकर हसाता है, खिलता है, लेकिन उस पवन ने ही एकदिन मुरझाए हुएँ को अपनी तीव्र झोंके से धरती पर गिरा देता है ।


(5) खिले फूल और मुरझाए फूल के प्रति भौरे के व्य़वहार

   क्य़ा भिन्न-भिन्न होता है ?  

उत्तरः हाँ, खिले फूल और मुरझाए फूल के प्रति भैरे के व्य़वहार भिन्न-भिन्न होते है । खिले फूल को देखकर भैरे उसके सारो और मँडाराते है लेकिन मुरझाए हुए फूल को भैरे देखता भी नही।


(उ) संक्षिप्त में उत्तर दो (लगभग 50 शब्दो में)


  (1) महादेवी वर्मा की साहित्य़िक देन का उल्लेख करो ।

उत्तरः महादेवी वर्मा ने अपनी जीवन भर साहित्य की साधना की । उन्होंने गद् और पद् दोनों शैलियों में साहित्य़ की रचना की है ।उनकी प्रमुख काव्य़ रचनाएँ हैं - नीहार’, रशमि’,  नीरजा’, साध्य़गीत’,  दीपशिखा’, और यामा । उनकी गद् रचनाओ  में स्मृति की रेखाए, अतीन के चलचित्र, श्रृंखला की कड़िया और तथा पथ के साथी विशेष रुप से उल्लेखनीय हैं ।हिमालय उनकी सम्पादित ग्रंथ है ।  


  (2) खिले फूल के प्रति किस प्रकार सब आकर्षित होते है,

     पठित कविता के आधार पर वर्णन करो ।

उत्तरः खिले फूल के प्रति प्रकृति और मनुष्य़ सभी आकर्षित होते है । पवन खिले फूलों को अपने गीद में लेकर हसाता है।  मधु के  लालच से भौंरे फूलों के सारो और मँडराने लगते है । चन्द्रिमा की स्निग्ध करिणें फूलों को सदा हँसाने की कोशिश में लगी रहती है । और औस मुक्ता जाल से हमेशा उसे श्रृंगार कराती है ।वायु अपनी शीतलता पंखा फेरकर पूलों को निद्रा विवश करती है । माली यत्न से उसका देखभाल कर के उसे आनन्द से भर देता था ।


  (3) पठित कविता के आधार पर मुरझाए फूल के साथ

    किए जाने वले बतार्व का उल्लेख करो ।

उत्तरः मुरझाए फूलों का प्रति किसीका आकर्षण नही रहता है। मुख-मंजु मुरझाया हुआ फील शुष्क विखरती रह कर धरती की गोद में आ गिरती है, जिसकी तरफ कोई देखता भी नही। भ्रमर उसे देखकर मँडराने नही आते और वृक्ष भी उसे खोकर आसु नही बरसाते । जो पवन फूलों को अपने गोद में लेकर हसाता था, उस पवन ने तीव्र झोंके से उसे धरती पर गिरा देता है । मधु और सौरभ दानकरने वाले फूलों की यह दशा कोई दुःख नही करता ।


   (4) पठित कविता के आधार पर दानी सुमन की भूमिका

    पर प्रकाश डालो । 

उत्तरः सुमन कली से लेकर पुर्णता प्राप्त करने  तक सबको खुशी से भर देता है । खिले हुए फूलों को देखकर सबका दिल बहल जाता है । वृक्षों को अपने पुर्णता प्राप्ति का एहसास दिलाते है । मधु और सौरभ दान करके फूल सबका हृदय  पाता है । सबको सबकुछ दान करके भी फूल कभी व्य़थित नही होता है । फिरसे सीको हरषता है । कवि के अनुसार इस संसार में विधाता ने सबको स्वार्थमय बना दिया सिवाय दानी सुमन को छोड़कर ।


() सम्य़क् उत्तर दो (लगभग 100 शब्दों में)


  (1) कवित्री महादेवी वर्मा का साहित्य़क परिचय प्रस्तुत

     करो ।

उत्तरः महादेवी वर्मा ने अपना जीवन भर साहित्य़ साधना की । उन्होंने गद् और पद् दोनों शैलियों में साहित्य़ की रचना की है ।उनकी प्रमुख काव्य़ रचनाएँ हैं - नीहार’, रशमि’,  नीरजा’, साध्य़गीत’,  दीपशिखा’, और यामा ।  पद्मश्री उपाधि से सन्मानित महादेवी वर्मा को यामा काव्य़-संकलन पर ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ था ।  नीरजा कृति पर उनकी भारत-भारती पुरस्कार प्राप्त हुआ था । उनकी गद् रचनाओं  में स्मृति की रेखाएँ, अतीत के चलचित्र , श्रृखला की कड़िया और पथ के साथी विशेष रुप से उल्लखनीय है । इन्होने चांद का सम्पादन बड़ी सफलता के साथ किया । हिमालय  उनकी द्दारा सम्पादित ग्रन्थ । महादेवी वर्मा मूलतः छाय़ावाद और रहस्य़वाद को कवियित्री के रुप में मानी जाती है । रहस्य़वाद की तन्मयता ने उलको आधुनिक काव्य़ जगत की मीरा बना दिया है । 


  (2) मुरझाया फुल शीर्षक कविता में फुल के बारे मे क्य़ा-

      क्य़ा कहा गया है ?

उत्तरः मुरझाया फूल शीर्षक कविता में कवियित्री महादेवी वर्मा ने कली खिलकर फूल बनने से लेकर मुरझाते हुए भूमि पर गिरने तक का आकर्षक वर्णन किया है । कली और खिले फूल के प्रति सब आकर्षित होते हैं । फूल के कली को पवन गोद में लेकर हसाता है । खिली हुई फूल में भौरे मधु के लालच में मँडराने लगते है ।चन्द्रिमा के स्निग्ध किरणों उसे हसाने की कोशिश में लगी रहती है और ओस मुक्ता जाल विछाकर उसकी श्रृंगार करती थी । माली उसकी देखभाल करके उसे आनंद से भर देता है। लेकिन जब खिला हुआ फूल  मुरझाकर धरती पर आ गिरता है, तब उसे कोई देखता तक नही है । भ्रमर उसे देखकर मँडराने वही आते और वृक्ष भी उसे खोकर आसु नही बरसाते । पवन तीव्र सर्वस्व दाव करते हुए सबको हरषात है ।

  (3) मुरझाया फुल कविता के माध्य़म से कवित्री ने मानव

     जीवन संदर्भ में क्य़ा संदेश दिया है ?

उत्तरः कवयित्री महादेवी वर्मा एक रहस्य़बादी कवि है । मुरझाय़ा फूल कविता के माध्य़म से कवयित्री ने मानव जीवन की और सबका ध्य़ान आकर्षण करना चाहती है । यह वह रहस्य़बाद का अवतारना करेके मुरझाय़ा फूल के साथ मानव जीवन का तुलना किया । कली और खिले हुए फूल  के प्रति सब आकर्षिय होते है, लेकिन मुरझा जाने पर उसकी तरफ कोई आँख उठाकर देखता तक नही है ।ठिक उसी तरह मनुष्य भी अपने नन्रे और शौशव काल में सबका आदर हासिल करता है ।

 

  (4) पठित कविता के आधारपर फूल के जीवन और

     मानव-जीवन की तुलना करो ।

उत्तरः पठित कविता मुरझाय़ा फूलवके जरिए कवयित्री महादेवी वर्मा मानव जीवन और फूल के जीवन को तुलनात्मक चिंता को रेखा अंकित किया है । कवि फूलों की जीवन के जरिए मावन जीवन की और सबका  ध्य़ान खोजना चाहती है । कली और खिले फूल के प्रति सब आकर्षित होते हैं । फूल के कली को पवन गोद में लेकर हसाता है । खिली हुई फूल में भौरे मधु के लालच में मँडराने लगते है ।चन्द्रिमा के स्निग्ध किरणों उसे हसाने की कोशिश में लगी रहती है और ओस मुक्ता जाल विछाकर उसकी श्रृंगार करती थी । माली उसकी देखभाल करके उसे आनंद से भर देता है। लेकिन जब खिला हुआ फूल  मुरझाकर धरती पर आ गिरता है, तब उसे कोई देखता तक नही है । भ्रमर उसे देखकर मँडराने वही आते और वृक्ष भी उसे खोकर आसु नही बरसाते । लाचार फूल अपना दुःख खुद समेट करवटी पर पड़ी पहता है । युवा काल से लेकर अपने पैर पर खड़े होकर कमाइ करने तक सब उसका ख्य़ाल रखते है लेकिन जब बूढ़ापा आ जाता है तब सभी मनुष्य उस पर भारी हो जाता है और सबका आदर से बंचित होकर वह भी एक कोने में पड़ा रहता है मुरझाए फूल की तरह ।

 

(ई) प्रसंग सहित व्य़ाख्य़ा करो  (लगभग 100 शब्दों में)


   (1) स्निग्ध किरणें चद्रं की ......... श्रृंगारती ती सर्वदा।

उत्तरः प्रसंगः प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारे पाय़्ठ पुष्कत आलोक भाग 1 के अंतर्गत रहस्य़बादी कवि महादेवी वर्मा द्दारा रचित रहस्य़धर्मी कविता मुरझाया फूलसे ली गई है ।

सन्दर्भः इस पंक्तियों के जरिए कवयित्री जी ने सुख के दिन में मुरझाय़ा फूल के प्रति प्रकृति के ओस और चन्द्रिमा का व्य़वहार के वारे में वताया गया है ।

व्य़ाख्य़ाः  फूल एक स्वर्गीय वस्तु है । कली और खिले फूल के प्रति प्रकृति से लेकर मनुष्य सभी आकर्षित होते है । प्रकृति के चन्द्रिमा अपने स्निग्ध किरणें से खिलो फूलों को हमेशा हसाती है । उस तरह ओस अपनी मोतीयों जैसे जल कणा से जाल बिछाकर फूलों का हमेशा श्रृंगार करती थी ताकि सुबह होकर धुप गिरने पर वह और भी मनमोहक हो जाए ।


   (2) कर रहा अठखेलिय़ाँ ........ य़ा कभी क्य़ा दयान में।

उत्तरः प्रसंगः प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारे पाय़्ठ पुष्कत आलोक भाग 1 के अंतर्गत रहस्य़बादी कवि महादेवी वर्मा द्दारा रचित रहस्य़धर्मी कविता मुरझाया फूलसे ली गई है ।

सन्दर्भः इस पंक्तियों के जरिए कवयित्री जी ने फूल के सुख के दिनोंके साथ दुःख के दिनों का तुलना की है ।

व्य़ाख्य़ाः फूल एक स्वर्गीय वस्तु है । कली और खिले फूल के प्रति प्रकृति से वेकर मनुष्य सभी आकर्षित होते है । अपने सुःख के दिन  में फूल उद्धान में स्वाभाविक मतवाली चाल से सबका दिल जीत लेता है और उसकी और सबका ध्य़ान खीचता है । अपनी इतराती पंखों से दुखने वालो को दिल में चहल पहल मचा देता है । लेकिन तब वह ये नही खीचता की उद्धान में दिलकों भाने वाली फूल एक दिन सुखे मुरझाते हुए धरती र आ गिरते है।

 

(3) मत व्य़थित हो पुष्प ........ य़हाँ करतार ने।

उत्तरः प्रसंगः प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारे पाय़्ठ पुष्कत आलोक भाग 1 के अंतर्गत रहस्य़बादी कवि महादेवी वर्मा द्दारा रचित रहस्य़धर्मी कविता मुरझाया फूलसे ली गई है ।

सन्दर्भः इस पंक्तियों के जरिए कवयित्री जी ने पुष्प को दुःख करने से मना करके संसार के स्वार्थपरता के बारे में बताया है ।

व्य़ाख्य़ाः कवि ने मुरझाए फूल के दुःख में दुखी हकर यह कहा कि विधाता ने इस संसार में सबकों स्वार्थपर बनाया है।

यहा किसके कारण सोचने का समय नही है । सब अपने काम में व्य़स्त रहकर समय बीताता है   इस एक दिन मुरझा जाने के बाद खत्म हो जाता है । यह सं,र की स्वार्थपरता है, परंतु इससे वेखबर रहकर फूल अपना सर्वस्व दान करते हुए सबको हरषाता जाता है ।  


(4) जब न तेरी ही दशा पर ..... हमसे मनुज निस्सार

   को  

उत्तरः प्रसंगः प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारे पाय़्ठ पुष्कत आलोक भाग 1 के अंतर्गत रहस्य़बादी कवि महादेवी वर्मा द्दारा रचित रहस्य़धर्मी कविता मुरझाया फूलसे ली गई है ।

सन्दर्भः इस पंक्तियों के जरिए कवयित्री ने फूलों के जीवन के साथ मनुष्य जीवन की तुलना करते हुए कुछ महत्वपूर्ण संदेश दिया है ।


व्य़ाख्य़ाः फूल एक स्वर्गीय वस्तु । वह किसी से कुछ लेता नही है बक्लि संसार की स्वार्थपरता से सम्पुर्ण बेखबर रहकर, अपना सर्वस्व दान करते हुए सबको हरषाता जाता है। लेकिन मधु और सौगन्ध दान कर के सबका दिल जीतने वाले इस फूल की अंतिम दशा पर कोई  आशु नही बहता । तो ठिक उसी तरह मनुष्य जीवन भी एक दिन निसार ह जाएगा और उसदिन मनुष्य के पास दुःख बाटने के लिए कोई नही आएगा ।



    1.   निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य़ में प्रयोग करोः

श्रीगणेश करना, आँखों का तारा, नौ दो ग्य़ारह होना, हवा से बातें करना, अंधे की लकड़ी, लकीर का फकीर होना ।

उत्तरः

श्रीगणेश करनाः (आराभं करना) – रबन ने आज से दुकान का श्रीगणेश किया ।

आँखों का ताराः (बहुत प्य़ारा) – बालक कृष्ण माँ यशोदा का आखों का तारा था ।

नौ दो ग्य़ारह होनाः (भाग जाना) – पुलिस के आते ही लुटरे नौ दो ग्य़ारह हो गया ।

हवा से बातें करनाः (बहुत तेज दोड़ना) – महाराणा का इशारा पाते ही उनका घोड़ा हबा से बांते करने लगा ।  

अंधे की लकड़ीः (एकमात्र सहरा होना) – माता-पिता के लिए राजेश दास ही अंधे की लकड़ी था ।

लकीर का फकीर होना(पुराने रीति खिजों पर चलने वाला )

-   कोइ नयी कीम करो, लकीर का फकीर मत बनो ।

 

    2.   निम्निलिखित काव्य़ पंक्तियों को गद् रुप में प्रस्तपत करोः

(क)      खिल गया जव पूर्ण तु,

मंजुल सुकोमल फूल बन ।

लुब्ध मधु के हेतु मँडाराने

लगे, उड़ते भ्रमर ।।

उत्तरः जब तुम पूर्ण रुप से खिल गया सुन्दर सुकोमल फूल बनकर, लुभावनीय मधु के लालच से भौरा तुम पर मँडराने लगते है ।

      

(ख)      जिस पवन ने अंक में

ले प्य़ार या तुझको किया ।

  तीव्र झोंके से सुला

  उसने तुझे भू पर दिया ।

उत्तरः जिस हवा ने तुम्हें अपने गोद में लेकर प्य़ार करते थे, उस हवा ने ही तीव्र झोंके से धरती पर गिरा देती हैं ।

   3.   लिगं निर्धारण करोः

कली, शैशव, फुल, किरण, वायु, माली, कोमलता, सौरभ, दशा ।

उत्तरः

पुलिंग

स्त्रीलंग

माली।

वायु ।

फूल ।

कोमलता ।

सौरभ।

कली ।

शौशव ।

दशा ।

कीरण ।

 

 

    4.   वचन परिवर्तन करोः

भौंरा, किरणें, अठखेलियाँ, झोंके, चिड़िया, रेखा, बात, कली।

उत्तरः

एकवचन

बहुवचन

भौंरा

भौरें ।

अठखेलियाँ

अठखेलियाँ ।

रेखा

रेखाएँ ।

किरणें

किरणों ।

चिड़िया

चिड़ियाँ ।

बात

बातें ।

कली

कलीयाँ ।

 

    5.   लिगं परवर्तन करोः

कवियित्री, प्रियतम, पिता, पुरुष, माली, देव, मोरनी ।

उत्तरः

पुलंग

स्त्रीलिंग

कवियित्री

कवि

माली

मालिन

पिता

माता

पुरुष

स्त्री

देव

देवी

मोरनी

मोर ।

 

   6.   कार शब्दांश के पूर्व आ, वि, प्र, उप, अप, और प्रति उपसर्ग जोड़ कर शब्द बनाओ तथा उन वाक्य़ां में प्रय़ोग करो ।

उत्तरः

आ + कार = आकार – पानी का कुछ आकार नही होता है।

वि + कार = विकार – शरीर में कई विकार तत्व होते है ।

प्र + कार = प्रकार – कारक का आठ प्राकर होते है ।

उप + कार उपकार – किसी का उपकार करना पुण्य का काम होता है ।

अप + कार = किसी का अपकार करना बुरी बात है ।

प्रति + कार = प्रतिकार – पंडितजी ने रमेश की ग्रहदोष का प्रतिकार निकाला ।

 Published  By Abhiman Das


Class 9 Assamese Medium questions Answer

Class 9 Assamese medium All Book solution in Assamese Medium. Class 9 mathematics soution in Assamese Medium. Class 9  solution in Assamese Medium.

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !